राम-नवमी स्मरण

राम तुम्हें हम आज भजेंगे, सुबह तक बिसरा देंगे।
ऐसे ही बस ठग कर खुद को जीवन व्यर्थ बिता देंगे॥

हर युग में रामायण लिखने
कई ऋषि धरती पर आये,
सत्कर्मों में जीवन ढाला
फिर कुछ तुम पर लिख पाये।
तब गूँजे वे छंद कंठ में,
जन-साधारण के प्रण में,
जिसका कुछ अनुनाद आज भी
बाकी मिट्टी के कण में।

इस युग की पर बात निराली, ऐसे तुलसी घर-घर में,
जीवन कुछ हो, आदर्शों की पोथी लिख छपवा देंगे॥

राम नवमी २०१८
बैंगलोर