विमुद्रीकरण - कुण्डलिया

रुपइया कहे बैंक में, मुझसे ठोके ताल।
असल बाप का पूत तो, बाहर मुझे निकाल॥
बाहर मुझे निकाल, फिर खुद को आजमा ले।
दो हज़ार का नोट, मुझे तू तोड़ दिखा दे॥
मैं बोला इठला न, मोदी के बल भईया।
तू भी रद्दी मोल, छपा जो नया रुपइया॥

११ दिसंबर २०१६
बंगलौर