हम बिक गये

रोटी कमाने के बहाने हम बिक गये
और क्या होगा न जाने हम बिक गये

आने वाले कल का डर था इस कदर
दफन कर सपने सुहाने हम बिक गये

पुर-जुनूं सीने थे आसमां पे सितारे
दम-ओ-खम थे आजमाने हम बिक गये

बेफिक्र बादलों के संग बरसते थे कभी
बह जिंदगानी के मुहाने हम बिक गये

अब "बेसबब" अफसोस कर क्यों रो रहे
जब बुलंदी के थे जमाने हम बिक गये

१३ दिसंबर २०१४
बंगलौर