पूंछूं कि मेरे रक़ीब का मिज़ाज कैसा है

पूंछूं कि मेरे रक़ीब का मिज़ाज कैसा है?
न हो सका हबीब फिर ये लिहाज कैसा है?

मिला जब भी ये लगा कि कुछ तो है जेहन में
पर रहा चुप, जाने क्या बात, राज़ कैसा है?

लबों की हर जुंबिश पे सोचा शायद अब कह दे,
ख़ामोशी है कि पूछती हमराज़ कैसा है?

मिलें हजार नियामतें जिंदगी के झमेले में
न हमसुखन कोई तो तख़्त-ओ-ताज कैसा है?

मुद्दतें रहे साथ पर अजनबी ही रहा वो,
कभी "बेसबब" भी न पूछा कि आज कैसा है?

२ मार्च २०१४
बंगलौर


रक़ीब : प्रतियोगी, प्रतिस्पर्धी, competitor
मिज़ाज : हाल, मनोदशा, mood, temper, spirit
हबीब : दोस्त, मित्र, friend
लिहाज (करना) : अनुपेक्षा, आदर, सम्मान, consideration, regard
जेहन : दिमाग, बुद्धि, mind, intellect
राज़ : भेद, रहस्य, secret
लब : ओंठ, lips
जुंबिश : गति, हलचल, स्पंदन, संचलन, motion
ख़ामोशी : चुप्पी, मौन, शांति, सन्नाटा, silence
हमराज़ : अन्तरंग मित्र, दिली दोस्त, विश्वास पात्र, close friend, confidant (हम: same/share राज़: secret)
नियामत : धन, संपत्ति, दौलत, wealth
झमेला : जटिल गुत्थी, झंझट, बखेड़ा, mess, fuss, broil, imbroglio
हमसुखन : बातचीत करने वाला, someone to converse (हम: बांटना, same/share सुखन: बात-चीत, कविता, words, poetry)
तख़्त-ओ-ताज : सिंहासन और मुकुट, throne and crown
मुद्दत : लंबी अवधि, long duration, ages
अजनबी : अपरिचित, stranger