साथी

रिमझिम वर्षा की बूंदे हों,
या फिर चाहे धूप घनी हो।
जाड़े की रातों की ठिठुरन,
या बसंत की मस्त पवन हो।

खुश हूँ मै इस धूप-छाँव में,
तुम यदि मेरे संग खड़ी हो।

१४ फरवरी २०००
Milwaukee, WI, USA

[जब मैंने प्रिंटर खरीदा तो उसके साथ greeting cards printer material भी मिला. अब ये तो कोई कठिन प्रश्न नहीं है कि पहला कार्ड किसके लिए प्रिंट किया जाये, सो फटाफट कुछ पंक्तियाँ लिखीं और प्रिंट कर दिया कार्ड :-) ]